Age Power

This “Age Power” section has been started to share your, our reader’s, views on “Harnessing Energy of Senior Citizens In Nation Building”. You may also find your write-up here. Write a piece in 500 to 700 words and send to us.

दूसरी पारी के रंग आनंद, अनुभव, और ज्ञान के संग

दूसरी पारी के रंग आनंद, अनुभव, और ज्ञान के संग

(बुजुर्ग उम्र की पहचान नहीं बल्कि आनंद, अनुभव और ज्ञान का स्तंभ है) भारत में प्रत्येक व्यक्ति के काम करने की सीमा उसकी ढलती उम्र के साथ जुडी है, ज्यादातर लोग 60 वर्ष में अपने कार्यस्थल से सेवामुक्त हो जाते है | भारत में केंद्र, राज्य, सरकारी, गैर सरकारी और निजी क्षेत्रों में और विभिन्न […]

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ज़िंदगी गुलजार है, गर साठ के पार है

ज़िंदगी गुलजार है, गर साठ के पार है

सच्चाई कड़वी होती है। यूँ तो है ये एक मुहावरा, लेकिन प्रचलन में भी बहुत है। ताने मारने और व्यंग में बहुत उपयोग होता है। इसको यदि सरल हिंदी में उदाहरण के रूप में समझाया जाये तो सच्चाई को बुढ़ापा मानिये और उसका स्वाद हम सबको पता है। बुढ़ापा अक्सर बीमारी का समानार्थक माना जाता

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Harness the energy of senior citizens for nation building, the Spiritual Perspective

Harness the energy of senior citizens for nation building, the Spiritual Perspective

“The aged are not a spent force, they are a treasure house of knowledge. They are not to be sidelined, they are to be mainstreamed. These flowers may be faded but they still smell sweet through empowerment”(Singh 2001). Senior citizens, without doubt have a very important role to play, but before going into that it

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