Age Power

This “Age Power” section has been started to share your, our reader’s, views on “Harnessing Energy of Senior Citizens In Nation Building”. You may also find your write-up here. Write a piece in 500 to 700 words and send to us.

बुढ़ापा अक्सर अकेलेपन की तस्वीर दर्शाता है

पहले बुढ़ापे का मतलब था प्यार से घिरे रहना – पोते-पोतियों की हंसी, जानी-पहचानी आवाज़ों का सुकून और यह विश्वास कि कोई हमेशा पास में है। पारंपरिक संयुक्त परिवारों में, बुज़ुर्गों की सिर्फ़ देखभाल ही नहीं की जाती थी, उनका सम्मान किया जाता था, उनसे सलाह ली जाती थी और उन्हें घर के सभी से […]

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बढ़ती उम्र का असली खजाना: गतिशीलता

बुढ़ापा आना अपरिहार्य है, लेकिन हम इस बढ़ती उम्र का सामना केसे करते हैं, इससे हमारी खुशहाली पर बहुत फर्क पड़ता है। हमारे बुढ़ापे में सबसे कम आंकी जाने वाली खुशियों में से एक है गतिशीलता, जिसे हम मोबिलिटि कह सकते हैं – बिना किसी सहारे के, अपने आप चलने-फिरने की सरल लेकिन गहन क्षमता।

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वरिष्ठ जन वंचित बच्चों को शिक्षित करना अपना जीवन मिशन बनाए

वरिष्ठ जन वंचित बच्चों को शिक्षित करना अपना जीवन मिशन बनाए

जैसे-जैसे हम जीवन में आगे बढ़ते हैं, प्रत्येक चरण हमें अपने आस-पास की दुनिया में योगदान करने का एक नया अवसर प्रदान करता है। सेवानिवृत्ति को अक्सर आराम करने कराने के रूप में ही देखा जाता है, लेकिन कई बुजुर्गों के लिए, यह सबसे सार्थक चरण हो सकता है – एक ऐसा समय जब वे

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बुजुर्गो का आन्तरिक सखा, मोबाइल फोन

बुजुर्गो का आन्तरिक सखा, मोबाइल फोन

जब युवा अपने बुज़ुर्ग माता-पिता या प्रियजनों को मोबाइल फोन पर घंटों अपना समय बिताते देखते हैं तब उनके मन में थोड़ी थोड़ी निराशा होने लगती है। हाल ही में मेरी एक ऐसे व्यक्ति से बातचीत हुई जो अपने पिता के मोबाइल डिवाइस के लगातार उपयोग से चिंतित थे। “बस वो केवल अपना समय बर्बाद

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वरिष्ठ जन परेशानियों से चिंतित कम रहे

वरिष्ठ जन परेशानियों से चिंतित कम रहे

पिछले दिनों वृंदावन में मुझे स्वामी गिरिशानंद जी महाराज द्वारा भागवत कथा को श्रवण करने का सैभाग्य मिला। एक सुबह वह कह रहे थे कि हर किसी की जिंदगी में परेशानियां आती ही है। यहां तक की भगवान श्री कृष्ण के जीवन में भी बहुत परेशानियां रही है और वह अपने कार्यों से उन परेशानियों

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बुजुर्गों में सामाजिक अलगाव से जन्म लेती समस्याएं

बुजुर्गों में सामाजिक अलगाव से जन्म लेती समस्याएं

आज हमारे समाज में एक गहन चिंता का विषय बन गया है बुजुर्गों में सामाजिक अलगाव। इसका नुकसान भावनात्मक और शारीरिक, दोनों तरह के सम्बन्धों से होता है। जब वरिष्ठ नागरिक अपने परिवार, समुदाय और यहां तक कि साथियों से भी अलग-थलग हो जाते हैं, तो इसके परिणाम अकेलेपन से कहीं ज़्यादा हो सकते हैं।

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वरिष्ठ जनों के बीच डिजिटल डिवाइड को पाटना जरूरी

वरिष्ठ जनों के बीच डिजिटल डिवाइड को पाटना जरूरी

आवश्यकता अनुसार आज हम बुजुर्ग भी अपनी जिंदगी के हर दिन टेकनोलोजी का उपयोग अवश्य करते हैं। इसकी आवश्यकता भी जरूरी हो गई है। अपना बिजली का बिल पेमेंट, इंश्योरेंस का प्रीमियम, बैंक का कोई ट्रांजैक्शन करना हो या किसी से कुछ पैसा मंगाना – भेजना हो, आज सब कुछ अपने फोन पर एक क्लिक

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खुशकिस्मत वे हैं जो एक दिन बुजुर्ग होंगे

खुशकिस्मत वे हैं जो एक दिन बुजुर्ग होंगे

वरिष्ठ लोगों से संबंधित साप्ताहिक लेख मैं लगभग एक वर्ष से लिख रहा हूं। आज मन में विचार आया कि क्यूं न एक लेख नौजवानो के लिए लिखा जाएं। ये आज के नौजवान भी पन्द्रह बीस वर्षों में वरिष्ठ जनों की श्रेणी में आ जाएंगे। इस लेख में प्रयास यह रहेगा कि हम बुजुर्ग अपने

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हम बुजुर्ग बहुत कुछ कर सकते हैं

हम बुजुर्ग बहुत कुछ कर सकते हैं

बहुत से पाठक यह सवाल पूछते हैं कि आपके लेखो में आज क्या परिस्थितियों से बुजुर्ग गुजरते हैं उसके विषय में तो बहुत जानकारी रहती है लेकिन हम क्या कर सकते हैं अपने आप को खुश रखने के लिए और स्वस्थ रखने के लिए, हमारी एक्टिविटी क्या होनी चाहिए उस पर भी कुछ सुझाव दें।

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बढ़ती उम्र में अच्छा स्वास्थ्य ही हमारी पूंजी है

आज अगर हम अपने आस-पास नजर डालें तो पाएंगे कि वित्तीय समस्याएं ही बहुत से वरिष्ठ नागरिकों को अस्वस्थ बना रही हैं। तो क्यों न हम यह निश्चित करें कि हमें स्वस्थ रहना ही है? आजकल मेडिकल सुविधाएं बहुत महंगी हो गई हैं। किसी भी बीमारी के लिए डॉक्टर से सलाह लेने में ही हजारों

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