Age Power

This “Age Power” section has been started to share your, our reader’s, views on “Harnessing Energy of Senior Citizens In Nation Building”. You may also find your write-up here. Write a piece in 500 to 700 words and send to us.

बुजुर्गो का आन्तरिक सखा, मोबाइल फोन

बुजुर्गो का आन्तरिक सखा, मोबाइल फोन

जब युवा अपने बुज़ुर्ग माता-पिता या प्रियजनों को मोबाइल फोन पर घंटों अपना समय बिताते देखते हैं तब उनके मन में थोड़ी थोड़ी निराशा होने लगती है। हाल ही में मेरी एक ऐसे व्यक्ति से बातचीत हुई जो अपने पिता के मोबाइल डिवाइस के लगातार उपयोग से चिंतित थे। “बस वो केवल अपना समय बर्बाद […]

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वरिष्ठ जन परेशानियों से चिंतित कम रहे

वरिष्ठ जन परेशानियों से चिंतित कम रहे

पिछले दिनों वृंदावन में मुझे स्वामी गिरिशानंद जी महाराज द्वारा भागवत कथा को श्रवण करने का सैभाग्य मिला। एक सुबह वह कह रहे थे कि हर किसी की जिंदगी में परेशानियां आती ही है। यहां तक की भगवान श्री कृष्ण के जीवन में भी बहुत परेशानियां रही है और वह अपने कार्यों से उन परेशानियों

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बुजुर्गों में सामाजिक अलगाव से जन्म लेती समस्याएं

बुजुर्गों में सामाजिक अलगाव से जन्म लेती समस्याएं

आज हमारे समाज में एक गहन चिंता का विषय बन गया है बुजुर्गों में सामाजिक अलगाव। इसका नुकसान भावनात्मक और शारीरिक, दोनों तरह के सम्बन्धों से होता है। जब वरिष्ठ नागरिक अपने परिवार, समुदाय और यहां तक कि साथियों से भी अलग-थलग हो जाते हैं, तो इसके परिणाम अकेलेपन से कहीं ज़्यादा हो सकते हैं।

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वरिष्ठ जनों के बीच डिजिटल डिवाइड को पाटना जरूरी

वरिष्ठ जनों के बीच डिजिटल डिवाइड को पाटना जरूरी

आवश्यकता अनुसार आज हम बुजुर्ग भी अपनी जिंदगी के हर दिन टेकनोलोजी का उपयोग अवश्य करते हैं। इसकी आवश्यकता भी जरूरी हो गई है। अपना बिजली का बिल पेमेंट, इंश्योरेंस का प्रीमियम, बैंक का कोई ट्रांजैक्शन करना हो या किसी से कुछ पैसा मंगाना – भेजना हो, आज सब कुछ अपने फोन पर एक क्लिक

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खुशकिस्मत वे हैं जो एक दिन बुजुर्ग होंगे

खुशकिस्मत वे हैं जो एक दिन बुजुर्ग होंगे

वरिष्ठ लोगों से संबंधित साप्ताहिक लेख मैं लगभग एक वर्ष से लिख रहा हूं। आज मन में विचार आया कि क्यूं न एक लेख नौजवानो के लिए लिखा जाएं। ये आज के नौजवान भी पन्द्रह बीस वर्षों में वरिष्ठ जनों की श्रेणी में आ जाएंगे। इस लेख में प्रयास यह रहेगा कि हम बुजुर्ग अपने

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हम बुजुर्ग बहुत कुछ कर सकते हैं

हम बुजुर्ग बहुत कुछ कर सकते हैं

बहुत से पाठक यह सवाल पूछते हैं कि आपके लेखो में आज क्या परिस्थितियों से बुजुर्ग गुजरते हैं उसके विषय में तो बहुत जानकारी रहती है लेकिन हम क्या कर सकते हैं अपने आप को खुश रखने के लिए और स्वस्थ रखने के लिए, हमारी एक्टिविटी क्या होनी चाहिए उस पर भी कुछ सुझाव दें।

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बढ़ती उम्र में अच्छा स्वास्थ्य ही हमारी पूंजी है

आज अगर हम अपने आस-पास नजर डालें तो पाएंगे कि वित्तीय समस्याएं ही बहुत से वरिष्ठ नागरिकों को अस्वस्थ बना रही हैं। तो क्यों न हम यह निश्चित करें कि हमें स्वस्थ रहना ही है? आजकल मेडिकल सुविधाएं बहुत महंगी हो गई हैं। किसी भी बीमारी के लिए डॉक्टर से सलाह लेने में ही हजारों

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वरिष्ठजन: सेन्चुरी मारने के लिए डिसिप्लिन में रहे

At 94, LN Jhunjhunwala confident of attaining the age of 116

सभी की प्रबल इच्छा रहती है कि वो शतकवीर बने, सौ वर्ष जिवित रहें। बढ़ी उम्र में भी भगवान को प्यारा कोई नहीं होना चाहता, भले ही उनकी लाइफ स्टाइल कुछ भी रही हो। सेंचुरी के पास बहुत से बैट्समैन पहुंचते हैं लेकिन कई बार देखा गया है की कुछ ही रन से वह वहां

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चिट्ठी लिखना बहुत याद आता है

चिट्ठी लिखना बहुत याद आता है

हम बुजुर्गो को याद होगा कि कैसे हम पत्र, खत या कहें तो चिट्ठी लिखते थे। कैसे पोस्टमैन की राह देखते थे कि अपने नाम कोई पत्र आया है क्या। फोन की सुविधा अधिक न होने के कारण पत्रो का आदान-प्रदान ही संदेश भेजने का साधन होता था। फिर चाहे वह परिवार की खुशहाली का

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आत्मनिर्भरता ही वृद्धावस्था की खुशहाली है

आत्मनिर्भरता ही वृद्धावस्था की खुशहाली है

एक निश्चित उम्र आते ही हमारे शरीर में सिथिलता और असमर्थता आ जाती है और हम स्वयं खुद के रोजमर्रा के कार्यो को करने में भी अपने आप को असहज पाते है। हम आश्रित हो जाते है एक सपोर्ट सिस्टम पर जिसे हम परिवार या समाज कहते हैं। आज के परिदृष्य में इस तरह का

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