आदरणीय विजय भैया!
मैं मंत्र मुग्ध हूँ कि आपने वर्तमान काल की सबसे बड़ी आवश्यकता की मुहिम प्रारम्भ की है। एकल में तो वानप्रस्थी योजना का महत्व गत अनेक वर्षों से चर्चा में है। मुझे पूर्ण विश्वास है कि आपकी मुहिम से वह कल्पना साकार होगी। यदि कोई भी सेवानिवृत पुरुष या महिला दिन में 3-4 घंटे का समय दे सकते हैं तो उनका योगदान इतिहास याद करेगा। अपने केंद्र पर ही कार्यालय के काम की देखभाल से एकल अभियान में एक चमक आ सकती है। और बाकी तो सब काम फ़ोन द्वारा ही अपेक्षित है।
मैं राम जी के चरणों में आपकी मुहिम की सफलता की प्रार्थना कर रहा हूँ।