वरिष्ठ ट्रंप की जीत – युवाओं को सीख

वरिष्ठ ट्रंप की जीत - युवाओं को सीख

20 नवंबर को दुनिया के सबसे ताकतवर व अमीर देश अमेरिका में सम्पन्न हुए राष्ट्रपति के चुनाव में 78 वर्षीय डॉनल्ड ट्रंप की विजय हम सब के लिए, खास कर युवाओं के लिए बहुत बड़ी सीख है।

हम भारतीय ज्यादातर इस आयु में किसी तीर्थस्थल में दर्शन के लिए जाने में भी संकोच करते हैं। बिरले ही इसके अपवाद होते है। पिछले सप्ताह ही मेरे एक 77 वर्षीय मित्र को मुंबई से गोवा, क्रूज में जाने का प्रस्ताव मिला। उनकी प्रबल इच्छाशक्ति के कारण वो कुछ अस्वस्थ होते हुए भी तीन दिन के प्रवास के बाद एक बहुत ही यादगार छुट्टी बिताकर वापस आए। उनकी बेटी ने तो उन्हें इस ट्रिप पर न जाने का आग्रहपूर्ण सुझाव दिया और इसी बात को लेकर कुछ आपस में मन-मुटाव भी हुआ। उनके आनंदित होकर लौटने पर परिवार में सभी प्रसन्न हैं।

ट्रंप ने 70 वर्ष की आयु में पहली बार अमेरिका के राष्ट्रपति का चुनाव 2016 में जीता। 2020 के चुनाव में रिपब्लिकन पार्टी ने उन्हें पुनः उम्मीदवार बनाया पर वो सफल न हो पाए और डैमोक्रेटिक पार्टी के जो बिडन से हार गए। इस पराजय के पश्चात 74 वर्षीय ट्रंप उसी समय से कार्य करने लगे 2024 के इलेक्शन के लिए। और अथक प्रयास से 78 वर्ष की आयु में पुनः जीत कर वो सबको आश्चर्यचकित कर दिये।

इस आयु में इतने महत्वपूर्ण पद पर अपने को स्थापित करना बहुत बड़ी बात है। इसके लिए श्रेय जाएगा इनकी प्रबल इच्छाशक्ति को, इनके स्वस्थ शरीर की और इनकी आर्थिक सम्पन्नता की। यह सीख हमारे युवाओं के जीवन के लिए बहुत महत्वपूर्ण सबक और प्रेरणादायक है।

हमे छोटी आयु से ही अपने शरीर को स्वस्थ रखने के लिए उचित कदम आगे बढ़ाने होंगे। नियमित व्यायाम, योग व खान-पान पर ध्यान देना होगा। आज स्वास्थ्य के प्रति, सभी आयु वर्ग के व्यक्तियो के मध्य, जागरूकता बहुत आ गयी है। शहर में फिटनेस सेन्टर, जिम, की इकाईयां जिस अनुपात में बढ़ रहे है उससे भी इस कथन को बल मिलता है। नियमित होने की डिसिप्लिन जरूर रखनी होगी। अक्सर देखा गया है कि बहुत से युवा जिम जॉयन तो कर लेते है पर नियमित नहीं होते। इससे उनकी सेहद पर उल्टा ही असर होने लगता है। आजकल पार्को में भी बहुत युवा नजर आएंगे व्यायाम करते हुए, योग करते हुए। उधर खेलों में भी युवा शक्ति पहले की तुलना में बहुत ज्यादा की संख्या में उतर आये है।

स्वास्थ्य के प्रति जागरूक होने के साथ युवा शक्ति को अपने खानपान पर विशेष थ्यान देना होगा। होटलो में खाना, ऑनलाइन सुविधा से बाहर का भोजन घर पर ही मंगाना आम हो गया है। परिवार से दूर पढ़ाई या जीविकोपार्जन कर रहे युवको को तो, आवश्यकतानुसार यह सब करना ही पड़ता है। फिर भी अपने विवेक से सावधान रहना महत्वपूर्ण है। अच्छा खान-पान केवल शरीर के स्वास्थ्य पर ही असर नहीं करता, अपितु मनोवृति पर भी प्रभाव डालता है। कुछ दिनों पहले ही दिल्ली में एक छ दिवसीय स्वास्थ्य संबंधी कैंप ‘सन टू ह्युमन फाउन्डेशन’ द्वारा लगाया गया। इनके द्वारा विभिन्न तकनिक द्वारा स्वास्थ्य सुधारने के बहुत लाभकारी उपाय सिखाए गएं। बहुत से ऐसे व्यक्ति भी मिले जिनको इनकी सिखाई हुई पद्धती से काफी लाभ हुआ। इनकी प्राथमिकता थी कि सही समय पर सही खान-पान होना चाहिए। इस पद्धति का मानसिक स्वास्थ्य पर भी प्रबल असर होता है, ऐसा इनका मानना है।

78 वर्षिय ट्रंप अपने चुनावी केम्पेन में खूब प्रवास कर रहे थे, आज यहां तो कल वहां। इतना ट्रेवल करना और सभी जगह भाषण करना कोई आसान काम नहीं था। य़ह तभी संभव हो सका क्यूंकि इनके स्वास्थ ने इनका साथ दिया। आज के युवाओं को यह समझना होगा कि युवावस्था में अपने स्वास्थ का उस हिसाब से ध्यान रखे कि जब वो 70 वर्ष के पार जाने लगेंगे तब उनकी सेहद अच्छी रहे।

इसी तरह युवको को अपनी आर्थिक प्लॉनिंग भी युवावस्था से करनी होगी। जब वो बड़े होंगे उनके पास पर्याप्त धन होगा तभी उनका जीवन सुचारू रूप से चल सकेगा। आज से बचत की और सही जगह इन्वेस्टमेंट करने की सही सलाह लेकर क्रियान्वन करना आवश्यक है। जीवन यापन की लागत हर वर्ष बढ़ती जा रही है। स्वास्थ्य संबंधी खर्च बहुत बढ़ता जा रहा है। यहां तक की मेडी इन्स्योरेंस का प्रिमियम तब बहुत बढ़ गया होगा।

आयु बढ़ने के साथ शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए इन बातों का ध्यान रखना आवश्यक हैं:

  • व्यायाम करें और शारीरिक रूप से सक्रिय रहें
  • स्वस्थ भोजन करें
  • वित्तीय नियोजन आज ही शुरु करे।

केवल ट्रंप ही नहीं, हमारे भारत में भी बहुत विभूतियां है जो सत्तर-अस्सी की आयु में सफलतापूर्वक समाज सेवा, देश सेवा आदि अनेक प्रभाव पूर्ण कार्य कर रहे हैं। हमारी युवा पीढ़ी को चिन्तन और मनन की आवश्यकता है।

लेखक

विजय मारू
विजय मारू

लेखक नेवर से रिटायर्ड मिशन के प्रणेता है। इस ध्येय के बाबत वो इस वेबसाइट का भी संचालन करते है और उनके फेसबुक ग्रुप नेवर से रिटायर्ड फोरम के आज कोई सोलह सौ सदस्य बन चुके है।

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