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SAGE will be a “one-stop access” of elderly care products and services by credible start-ups
The Minister of Social Justice and Empowerment, Thaawarchand Gehlot virtually launched the SAGE (Seniorcare Aging Growth Engine) initiative and SAGE portal for elderly persons on 4th June in the presence of Ministers of State for Social Justice and Empowerment Ramdas Athawale and Rattan Lal Kataria. Secretary, Deptt of Social Justice, R Subrahmanyam gave the introductory remarks.
The SAGE portal will be a “one-stop access” of elderly care products and services by credible start-ups. The SAGE portal will be opened for applications from 5th June, 2021 onwards. The start-ups will be selected on the basis of innovative products and services, which they should be able to provide across sectors such as health, housing, care centers, apart from technological access linked to finances, food and wealth management, and legal guidance.
Addressing at the program today, Thaawarchand Gehlot said that that the Government, under the leadership of Prime minister Narendra Modi has brought in several schemes for welfare of various sections of the society. He added that with the spirit of ‘Sabka Saath Sabka Vikas and Sabka Vishwas’, the Central government is making action plans for every age group and category.
Gehlot explained that the number of elderly people is steadily increasing in our country, so there is a need to keep in mind that the elderly should remain happy, healthy, and financially and physically active for which a Senior Citizen Welfare Fund was started in 2016. Taking forward the service programs related to senior citizens, this Seniorcare Ageing Growth Engine (SAGE) portal has now been launched today. SAGE programme and SAGE portal have been launched with a view to help such persons who are interested in entrepreneurship in the field of providing services for elderly care, the Minister added.
Giving further details, Gehlot said that on the recommendation of the committee set up for the purpose, up to Rs 1 crore will be given to Startups for elderly care.He urged the elderly persons to come forward and take advantage of the services to be provided by the up-coming start-ups and lead an active life full of dignity in society.
On this occasion, Ramdas Athawale said that the Ministry tries to provide maximum facilities to the people and in this context, this portal for the elderly has been launched. Athawale remarked that the government has taken up the responsibility of guardianship of senior citizens and elderly persons. Therefore, our ministry will continue to try to make new schemes for senior citizens and SAGE is one such unique initiative in this direction.
Speaking on the occasion, Rattanlal Kataria said that there is an urgent need to create a more robust eldercare ecosystem in India, especially in the post-COVID phase. Keeping this need in mind, an amount of Rs 100 crore has been assigned for the promotion of the silver economy, the Minister disclosed. The start-ups selected under SAGE will be those which will provide new innovative products and services to elderly persons in various areas like health, travel, finance, legal ,housing, food among others.
In his introductory remarks, R Subrahamanyam explained that the Government has now expanded its scope of supporting elderly persons not only through NGOs but generating multi-pronged interventions for them through innovative ways. The Ministry has designed SAGE programme as per the suggestions of the Empowered Committee on start-ups for the elderly to solicit the involvement of youth and their innovative ideas for elderly care. This will help to make the programmes for elderly care a national movement than just a government programme, the Secretary added.
An allocation of Rs 25 crores has been made for the SAGE project in the current financial year i.e 2021-22.
The SAGE project is shaped on the recommendations of the empowered expert committee (EEC) report on start-ups for elderly. The following members of the Expert Committee were present at today’s launch event: Mathew Cherian, Global Ambassador of Ageing, Helpage International; Dr. Abhay Jere, Chief Innovation Officer, Ministry of Education; Saumyajit Roy, Co- Founder and CEO, Emoha Elder Care; Dr. K. Elangovan, Assistant Innovation Director, M/o Education; and Dr. HC Sridhara Reddy, Deputy Director, (Senior Citizen Division) National Institute of Social Defence and Mr. Chandrasekhar Buddha, CEO, NEAT.
Start-ups can apply for being a part of SAGE through a dedicated portal, which will be open from June 5. The start-ups will be selected by an independent screening committee of experts. A fund of uptoRs.1 crore as one-time equity will be granted to each selected start-up.
The SAGE project aims to identify, evaluate, verify, aggregate, and deliver products, solutions and services directly to the stakeholders. The Ministry will act as a facilitator, enabling the elderly to access the products through these identified start-ups. India’s elderly population is on the rise, and as per surveys, the share of elders, as a percentage of the total population in the country, is expected to increase from around 7.5% in 2001 to almost 12.5% by 2026, and surpass 19.5% by 2050. There is an urgent need to create a more robust elder care ecosystem in India, especially in the post-COVID phase.
The EEC report has highlighted that the business opportunities in this space could emerge from social enterprises (non-profits, informal networks), technology start-ups (fintech, adtech, foodtech, healthtech, wealthtech), legal and financial services (planning solutions, insurance, medico-legal) and infrastructure and managed-care systems (senior housing, living facilities, care centres). Research and data-driven organizations and incubators of social enterprises are also expected to come forward to be a part of SAGE.
बुजुर्गों के लिए एसएजीई (सीनियर केयर एजिंग ग्रोथ इंजन) कार्यक्रम और एसएजीई पोर्टल लांच किया
भरोसेमंद स्टार्टअप के जरिए एसएजीई से बुजुर्गों के लिये उत्पादों और सेवाओं को उपलब्ध कराया जाएगा और यह एक वन स्टॉप एक्सेस होगा
सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री, थावरचंद गहलोत ने 4 जून को सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री रामदास अठावले और रतन लाल कटारिया की उपस्थिति में बुजुर्ग व्यक्तियों के लिए एसएजीई (सीनियर केयर एजिंग ग्रोथ इंजन) कार्यक्रम और एसएजीई पोर्टल को वर्चुअल तरीके से लांच किया। इस मौके पर सामाजिक न्याय विभाग के सचिव आर सुब्रह्मण्यम ने परिचय सत्र में अपनी बाते कहीं।
एसएजीई पोर्टल भरोसेमंद स्टार्टअप के जरिए बुजुर्गों की देखभाल में इस्तेमाल होने वाले उत्पादों और सेवाओं को प्रदान करने वाला “वन-स्टॉप एक्सेस” होगा। एसएजीई पोर्टल 5 जून, 2021 से आवेदनों के लिए खुलेगा। स्टार्ट-अप का चयन नवीन उत्पादों और सेवाओं के आधार पर किया जाएगा। इसके तहत उन्हें वित्त, खाद्य और पूंजी प्रबंधन और कानूनी सलाह और उनसे जुड़ी तकनीकी सेवाएं देने के अलावा स्वास्थ्य, आवास, देखभाल केंद्र क्षेत्रों में सेवाएं देने में सक्षम होना चाहिए। .
थावरचंद गहलोत ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार ने समाज के विभिन्न वर्गों के कल्याण के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं। उन्होंने कहा कि ‘सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास’ की भावना के साथ केंद्र सरकार हर आयु वर्ग और श्रेणी के लिए कार्य योजना बना रही है।
गहलोत ने बताया कि हमारे देश में बुजुर्गों की संख्या लगातार बढ़ रही है, इसलिए इस बात का ध्यान रखने की जरूरत है कि बुजुर्ग खुश, स्वस्थ व आर्थिक और शारीरिक रूप से सक्रिय रहें, जिसके लिए 2016 में वरिष्ठ नागरिक कल्याण कोष शुरू किया गया था। वरिष्ठ नागरिकों से संबंधित सेवा कार्यक्रमों को आगे बढ़ाते हुए, सीनियरकेयर एजिंग ग्रोथ इंजन (एसएजीई) पोर्टल आज लॉन्च किया गया है। मंत्री ने कहा कि बुजुर्गों की देखभाल के लिए सेवाएं प्रदान करने के क्षेत्र में उद्यमिता में रुचि रखने वाले व्यक्तियों को सहयोग देने के लिए एसएजीई कार्यक्रम और एसएजीई पोर्टल शुरू किया गया है।
थावर चंद गहलोत ने इस संबंध में अन्य जानकारी देते हुए कहा कि इस उद्देश्य के लिए गठित समिति की सिफारिश पर, बुजुर्गों की देखभाल के लिए स्टार्टअप को 1 करोड़ रुपये तक दिए जाएंगे। उन्होंने बुजुर्गों से आगे आने और स्टार्टअप द्वारा दी जा रही सेवाओं का लाभ उठाने का आग्रह किया। जिससे वह समाज में सक्रिय रहकर गरिमा से भरा जीवन जी सकें।
इस अवसर पर रामदास अठावले ने कहा कि मंत्रालय लोगों को अधिक से अधिक सुविधाएं देने का प्रयास करता है। इस संदर्भ में बुजुर्गों के लिए यह पोर्टल लॉन्च किया गया है।
अठावले ने कहा कि सरकार ने वरिष्ठ नागरिकों और बुजुर्गों के देखभाल की जिम्मेदारी ली है। इसलिए हमारा मंत्रालय वरिष्ठ नागरिकों के लिए नई योजनाएं बनाने का प्रयास करता रहेगा और एसएजीई इस दिशा में एक अनूठी पहल है।
इस अवसर पर बोलते हुए, रतनलाल कटारिया ने कहा कि भारत में विशेष रूप से कोविड के बाद के समय में बुजुर्गों की देखभाल का एक अधिक मजबूत पारिस्थितिकी तंत्र बनाने की तत्काल आवश्यकता है।
इसी जरूरत को ध्यान में रखते हुए अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए 100 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई है। एसएजीई के तहत चुने गए स्टार्ट-अप वे होंगे जो स्वास्थ्य, यात्रा, वित्त, कानूनी, आवास, भोजन जैसे विभिन्न क्षेत्रों में बुजुर्ग व्यक्तियों को नए और इन्नोवेटिंग उत्पाद और सेवाएं प्रदान करेंगे।
परिचय सत्र में बोलेते हुए आर सुब्रह्मण्यम ने बताया कि अब सरकार न केवल गैर सरकारी संगठनों के माध्यम से, बल्कि नवीन तरीकों के माध्यम से बुजुर्गों की सहायता करने के अपने दायरे का विस्तार कर रही है। मंत्रालय ने बुजुर्गों के लिए स्टार्ट-अप पर अधिकार प्राप्त समिति के सुझावों के अनुसार युवाओं की भागीदारी और बुजुर्गों की देखभाल के लिए उनके अभिनव विचारों के लिए एसएजीई कार्यक्रम तैयार किया है। सचिव ने कहा कि इससे बुजुर्गों की देखभाल के कार्यक्रमों को सिर्फ एक सरकारी कार्यक्रम के बजाय एक राष्ट्रीय आंदोलन बनाने में मदद मिलेगी।
चालू वित्त वर्ष यानी 2021-22 में एसएजेई परियोजना के लिए 25 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है।
एसएजीई कार्यक्रम बुजुर्गों के लिए स्टार्ट-अप पर अधिकार प्राप्त विशेषज्ञ समिति (ईईसी) रिपोर्ट की सिफारिशों पर बनाई गई है। आज के लॉन्च समारोह में विशेषज्ञ समिति सदस्य के रुप में एजिंग के ग्लोबल एंबेसडर, हेल्पेज इंटरनेशलन के मैथ्यू चेरियन, शिक्षा मंत्रालय के चीफ इन्नोवेशन अधिकारी डॉ. अभय जेरे, इमोहा एल्डर केयर के सह-संस्थापक और सीईओ सौम्यजीत रॉय, शिक्षा मंत्रालय के सहायक इन्नोवेशन निदेशक डॉ. के. एलंगोवन और राष्ट्रीय सामाजिक सुरक्षा संस्थान के उप निदेशक (वरिष्ठ नागरिक प्रभाग) डॉ. एचसी श्रीधर रेड्डी और एनईएटी के सीईओ श्री चंद्रशेखर बुद्ध उपस्थित थे।
स्टार्ट-अप बुजुर्गों के लिए खास पोर्टल के माध्यम से एसएजीई का हिस्सा बनने के लिए आवेदन कर सकते हैं, जो 5 जून से खुलेगा। स्टार्ट-अप का चयन विशेषज्ञों की एक स्वतंत्र स्क्रीनिंग कमेटी द्वारा किया जाएगा। प्रत्येक चयनित स्टार्ट-अप को एकमुश्त इक्विटी के रूप में रु.1 करोड़ तक का फंड दिया जाएगा।
एसएजेई कार्यक्रम का उद्देश्य सीधे हितधारकों के लिए उत्पादों, समाधानों और सेवाओं की पहचान करना, मूल्यांकन करना, सत्यापित करना, एकत्र करना और वितरित करना है। मंत्रालय इन चयनित स्टार्ट-अप के माध्यम से बुजुर्गों को उत्पादों तक पहुंचने में सक्षम बनाने के लिए एक सुविधा के रूप में कार्य करेगा। भारत में बुजुर्गों की आबादी बढ़ रही है और सर्वेक्षणों के अनुसार, देश में कुल आबादी में बुजुर्गों की हिस्सेदारी 2001 में 7.5 प्रतिशत से बढ़कर 2026 तक लगभग 12.5 प्रतिशत और 2050 तक 19.5 प्रतिशत से अधिक होने की उम्मीद है। भारत में विशेष रूप से कोविड के बाद के दौर में एक अधिक मजबूत बुजुर्ग देखभाल पारिस्थितिकी तंत्र बनाने की तत्काल आवश्यकता है।
ईईसी की रिपोर्ट में इस बात पर प्रकाश डाला गया है कि इस क्षेत्र में व्यापार के अवसर सामाजिक उद्यमों (गैर-लाभकारी, अनौपचारिक नेटवर्क), प्रौद्योगिकी स्टार्ट-अप (फिनटेक, एडुटेक, फूडटेक, हेल्थटेक, वेल्थटेक), कानूनी और वित्तीय सेवाओं (योजना समाधान, बीमा, मेडिको-लीगल), इंफ्रास्ट्रक्चर और प्रबंधित देखभाल प्रणाली (वरिष्ठ नागरिकों के लिए आवास, रहने की सुविधाएं, देखभाल केंद्र) जैसे क्षेत्रों में हैं। अनुसंधान और डेटा-संचालन कंपनियां और सोशल इंटरप्राइजेज इन्क्यूबेटरों को भी एसएजेई का हिस्सा बनने के लिए आगे आने की उम्मीद है।
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