Age Power

This “Age Power” section has been started to share your, our reader’s, views on “Harnessing Energy of Senior Citizens In Nation Building”. You may also find your write-up here. Write a piece in 500 to 700 words and send to us.

नव वर्ष पर वरिष्ठजनों के संकल्प

नव वर्ष पर वरिष्ठजनों के संकल्प New Year Resolutions for Senior Citizens

एक वर्ष और बीत गया। 2026 के आगमन के लिए हम सब तैयार खड़े हैं। हम सचमुच खुशनसीब हैं कि अपने जीवन का एक और वर्ष पूरा कर पाए। इस यात्रा में हमारे कुछ प्रियजन हमसे बिछुड़ भी गए, जिनकी यादें हमेशा हमारे साथ रहेंगी। अब हमारा दायित्व है कि जब तक ऊपर से बुलावा […]

नव वर्ष पर वरिष्ठजनों के संकल्प Read More »

तेजी से बढ़ती वरिष्ठ नागरिकों की आबादी

Rapidly Aging Population of Elderly in India

भारत इस समय एक अनोखे जनसांख्यिकीय मोड़ पर खड़ा है। आज दुनिया हमें सबसे बड़ी युवा आबादी वाले देश के रूप में जानती है, लेकिन इसी बीच एक अधिक आयु वाले भारत की नींव भी तेजी से बन रही है। 9 दिसंबर को लोकसभा में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री श्री नित्यानंद राय ने जानकारी दी

तेजी से बढ़ती वरिष्ठ नागरिकों की आबादी Read More »

बुजुर्गों की बुद्धि और युवाओं का ज्ञान

Wisdom of elders and knowledge of youth बुजुर्गों की बुद्धि और युवाओं का ज्ञान

ज्ञान और बुद्धिमत्ता—ये दोनों शब्द अक्सर एक साथ बोले जाते हैं, लेकिन दोनों एक नहीं हैं। ज्ञान तथ्य और जानकारी का संग्रह है। बुद्धिमत्ता उस ज्ञान को समझदारी, विवेक और अनुभव के साथ लागू करने की क्षमता है। ज्ञान दिमाग भरता है, पर बुद्धिमत्ता जीवन को दिशा देती है। और जीवन के वरिष्ठ वर्षों में

बुजुर्गों की बुद्धि और युवाओं का ज्ञान Read More »

बढ़ती उम्र में खुश रहने की कला

Art of Staying Happy in Golden Years

उम्र हमारी बढ़ती जा रही है। शरीर पहले जैसा चपल नहीं रहा – थोड़ी-थोड़ी कमजोरी महसूस होती है, कदम पहले जितने फुर्तीले नहीं रहते, और लंबे समय तक चहलकदमी भी अब डर का कारण बन जाती है। जवानी तो दूर, कुछ वर्ष पहले वाली ऊर्जा भी अब कभी-कभी सपने जैसी लगती है। लेकिन इसके बावजूद

बढ़ती उम्र में खुश रहने की कला Read More »

वरिष्ठ जन – सीखते रहें, कुछ भी!

वरिष्ठ जन – सीखते रहें, कुछ भी! Seniors – Keep Learning, Anything, Anytime

बढ़ती उम्र में एक ही गुरु मंत्र है, हम सीखते रहें हर पल, कुछ भी, कभी भी। जिस दिन हम सीखना बंद कर देंगे तो सच मानिए इसी दिन हमारी वृद्धावस्था शुरू हो जाती है। सीखने को तो हम कुछ भी सीख सकते हैं, बस मन में दृढ़ निश्चय कर लें कि हमें सीखते रहना

वरिष्ठ जन – सीखते रहें, कुछ भी! Read More »

बुजुर्गों से सीखें — सतत जीवन की कला

बुजुर्गों से सीखें — सतत जीवन की कला Learning Sustainability from Elders

कल की सीख, आने वाले कल की सुरक्षा आज के समय में जब सुविधा, उपभोग और बदलते ट्रेंड हमारी जीवनशैली पर हावी हैं, तब सतत जीवन (Sustainability) को अक्सर एक आधुनिक विचार माना जाता है। लेकिन सच यह है कि सबसे व्यावहारिक, प्रभावी और टिकाऊ जीवन की सीखें हमारे बुजुर्गों की आदतों और जीवन मूल्यों

बुजुर्गों से सीखें — सतत जीवन की कला Read More »

वरिष्ठ जन की सलाह — भोजन घर का ही अच्छा

वरिष्ठ जन की सलाह — भोजन घर का ही अच्छा Seniors’ Advice - Home Food is the Best

पचास के दशक की बात है। हम तब स्कूल में पढ़ते थे। रेस्टोरेंट में जाकर खाना खाना बहुत दुर्लभ बात हुआ करती थी। बड़े शहरों को छोड़ दें, तो बाकी छोटे कस्बों में तो रेस्टोरेंट होते ही बहुत कम थे। अगर किसी को काम के सिलसिले में दूसरे गांव या शहर जाना पड़ता था, तो

वरिष्ठ जन की सलाह — भोजन घर का ही अच्छा Read More »

बुजुर्ग खुद को समय जरूर दें

बुजुर्ग खुद को समय जरूर दें - Elders - It’s Time to Live for Yourself

‘नेवर से रिटायर्ड’ के प्लेटफॉर्म से पिछले कुछ समय से हम रोज एक सुविचार साझा करने का प्रयास कर रहे हैं। हाल ही में एक विचार ने मुझे विशेष रूप से छू लिया — “खुद को समय जरूर दें, आपकी पहली जरूरत आप खुद हैं।” कितना गहरा सत्य है यह वाक्य! और विशेषकर हम जैसे

बुजुर्ग खुद को समय जरूर दें Read More »

कभी हम क्लासरूम में एक साथ बैठते थे!

कभी हम क्लासरूम में एक साथ बैठते थे! Once We All Sat Together in the Classroom!

याद है वो दिन—कोई पचास-साठ वर्ष पहले—जब हम सब एक ही क्लासरूम में बैठते थे। लकड़ी की बेंचें, ब्लैकबोर्ड, चॉक की हल्की सी धूल और घंटी की आवाज़ — बस यही तो था हमारा संसार। हमारे क्लासरूम में कोई चालीस बच्चे होते थे। आज के जमाने में तो शिक्षा विभाग नियम बनाता है कि एक

कभी हम क्लासरूम में एक साथ बैठते थे! Read More »

न डॉक्टर, न इंजीनियर — मुझे तो दादा बनना है

न डॉक्टर, न इंजीनियर — मुझे तो दादा बनना है Not a Doctor, Not an Engineer — I Want to Be a Grandfather

हाल ही में एक बेहद दिलचस्प व्हाट्सएप संदेश देखा। एक छोटे बच्चे से पूछा गया कि वह बड़ा होकर क्या बनना चाहता है। जवाब चौंकाने वाला था — मैं न डॉक्टर बनना चाहता हूं, न इंजीनियर, न अफसर और न मंत्री… मुझे तो दादा बनना है! और उसके पास इसके पीछे ठोस कारण भी थे।

न डॉक्टर, न इंजीनियर — मुझे तो दादा बनना है Read More »

छोटों के सामने अपने जमाने की बात कम ही करें

छोटों के सामने अपने जमाने की बात कम ही करें Avoid Talking Too Much About “Our Times” Before the Young

हम उम्र के लोगों के साथ बैठने का एक अपना ही आनंद होता है। पुरानी यादें, भूले-बिसरे किस्से, साझा अनुभव — सब एक बार फिर से जीवंत हो उठते हैं। उन पलों में जैसे ज़िंदगी फिर से अपने सुनहरे पन्ने पलटने लगती है। अपने-अपने दौर की बातें सुनाते हुए जब हंसी के ठहाके गूंजते हैं,

छोटों के सामने अपने जमाने की बात कम ही करें Read More »

बढ़ती उम्र में समय कटता नहीं या समय है नहीं ?

Does Time Drag or Fly in Old Age? The Choice Is Ours

बढ़ती उम्र के साथ अक्सर एक सवाल सामने आता है – समय कटता नहीं या समय है ही नहीं? यह दुविधा लगभग हर वरिष्ठजन के जीवन में किसी न किसी रूप में मौजूद रहती है। दिलचस्प बात यह है कि इसका उत्तर व्यक्ति की सोच और जीवनशैली पर ही निर्भर करता है। कुछ वरिष्ठजन अपनी

बढ़ती उम्र में समय कटता नहीं या समय है नहीं ? Read More »