वरिष्ठ जन की सलाह — भोजन घर का ही अच्छा

पचास के दशक की बात है। हम तब स्कूल में पढ़ते थे। रेस्टोरेंट में जाकर खाना खाना बहुत दुर्लभ बात हुआ करती थी। बड़े शहरों को छोड़ दें, तो बाकी छोटे कस्बों में तो रेस्टोरेंट होते ही बहुत कम थे। अगर किसी को काम के सिलसिले में दूसरे गांव या शहर जाना पड़ता था, तो […]
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