काम करे और स्वस्थ रहे

काम करे और स्वस्थ रहे

वरिष्ठ जन को अपने स्वास्थ्य पर पूरा ध्यान देना जरूरी है। हमारी प्राथमिकता केवल और केवल यही होनी चाहिए। हम स्वस्थ रहेंगे तभी कुछ करने लायक होंगे। स्वस्थ रहने के लिए छोटी उम्र से ही बहुत कुछ करने की आवश्यकता होती है पर वो समय तो अब बीत चुका है। उम्र के इस पड़ाव पर आने के पश्चात क्या करना चाहिए इस विषय पर विचार जरूर करना होगा।

हम स्वस्थ रहेंगे तभी घर वालों पर बोझ नहीं बनेंगे। रिटायरमेंट के बाद कुछ कार्य करना चाहते हैं जिससे कुछ व्यक्तिगत आय हो सके, जीविका के लिए किसी के आगे हाथ न फैलाना हो, तो स्वास्थ्य को सही रखना होगा। रिटायरमेंट के पश्चात हम समाज सेवा में लग सकते है या अपनी कोई हाॅबी में समय लगाना चाहते है या देश विदेश का भ्रमण करना चाहते है, यह सब तभी कर सकते है जब हम स्वस्थ रहेंगे।

आजकल वाट्सएप पर अनेकानेक मैसेज आते हैं कि वरिष्ठ व्यक्ति अपने को कैसे स्वस्थ रखे। हम इन मैसेज को पढ़ते भी होंगे पर उन दिशानिर्देश पर कितना ध्यान देते होंगे या उनके अनुसार अपने जीवन को बदलने का प्रयास करते होंगे, यह कहना मुश्किल है। ज्यादातर मैसेज कुछ योग की क्रिया, कसरत, या कुछ ऐसे सुझाव देते है जिससे कोई शारीरिक नुकसान शायद ही हो सकता है। फिर भी हमें अपने अनुभव व जानकारी को ध्यान में रखकर ही कोई निर्णय लेना चाहिए। जरूरत लगने पर हम कोई विशेषज्ञ से भी परामर्श कर सकते है।

जिन मैसेज में किसी बिमारी के लिए कोई दवाई का सुझाव दिया गया हो, उसे निश्चित ही बहुत सोच समझकर उपयोग करे। ज्यादातर ये मैसेज फारवर्ड रहते है। कोई बिरले ही ऐसे होंगे जिन्होंने स्वयं पर उस दवाई का उपयोग किया हो और उससे उनको लाभ हुआ होगा, तब आगे फारवर्ड किए। घर में नौजवान चाहे केवल एलोपैथिक में विश्वास करते हो पर बुजुर्ग लोग आज भी प्रकृतिक चिकित्सा, आयुर्वेद व होम्योपैथिक इलाज पर काफी भरोसा करते है। रसोई में उपलब्ध कितनी ही सामग्री का हम छोटी-मोटी तकलीफ के लिए अक्सर उपयोग करते है। मान के चलिए कि दो-तीन दशक बाद यह सब कहानियां रह जाएगी। हमारी युवा पीढ़ी इन घरेलु नुस्खे पर विश्वास कम ही करती हैं।

हम बात कर रहे थे स्वास्थ्य सम्बन्धित मैसेज की। कुछ दिन पहले एक मैसेज मिला बुजुर्ग लोगो के लिए। इसमे लिखा था कि उम्र बढ़ने पर बहुत लोगो को ये चार शिकायत होती है

  1. भोजन के दौरान गले में चोकिंग
  2. गर्दन का दर्द
  3. पैर में ऐंठन
  4. पैरों में झनझनाहट।

मैसेज लिखने वाले ने वरिष्ठ नागरिकों को डॉक्टर के पास जाने से पहले कुछ स्वयं सहायता युक्तियाँ बताई।

भोजन के दौरान गले में चोकिंग

  • आपको केवल “अपना हाथ उठाने” की आवश्यकता है।
  • हाथों को सिर के ऊपर उठाने से गले में फंसा खाना अपने आप नीचे चला जाएगा।

गर्दन दर्द

  • कभी-कभी आप सुबह गर्दन में दर्द के साथ उठते हैं। इसका एक कारण गलत तकिए का इस्तेमाल भी हो सकता है।
  • ऐसी स्थिति में, आपको केवल अपने पैरों को ऊपर उठाने की जरूरत है, फिर अपने पैर की उंगलियों को खींचकर अपने पैरों को दक्षिणावर्त या वामावर्त दिशा में ले जाएं।

ऐंठन

  • जब आपके बाएं पैर में ऐंठन हो, तो अपने दाहिने हाथ को ऊंचा उठाएं, जब आपके दाहिने पैर में ऐंठन हो, तो अपने बाएं हाथ को ऊपर उठाएं। आप तुरंत बेहतर महसूस करेंगे।

सिहरन की अनुभूति

  • जब बायें पैर में झनझनाहट हो तो अपने दाहिने हाथ को पूरी ताकत से घुमाएं, जब दाहिने पैर में झनझनाहट हो तो अपने बाएं हाथ को पूरी ताकत से घुमाएं।

यह सब ऐसी युक्तियां है जिससे कोई नुकसान तो शायद ही हो। कुछ समय में अगर कोई लाभ न मिले तो तुरंत विशेषज्ञ के पास चला जाना चाहिए।

ऐसे स्वास्थ्य सम्बन्धित मैसेज हमें प्रतिदिन आते है। इन मैसेज को अनदेखा न करें और अपने विवेक से यह निश्चित करें कि इनमें से क्या हमें अपनाना है और क्या नहीं। हमारा उद्देश्य तो एक ही है कि हमें स्वस्थ रहना है। टेलीविजन पर भी कई चैनल सुबह-सुबह काफी स्वास्थ्य संबंधी जानकारी देते हैं। इनका भी भरपूर सहारा लेकर हम अपने आप को स्वस्थ रख सकते हैं।

आजकल योग करवाने के लिए आपके मोबाइल पर ऑनलाइन सेवा भी उपलब्ध है। आपको बस सब्सक्राइब करना है और एक निश्चित समय पर अपने मोबाइल पर या उसके द्वारा अपने टीवी पर आप बताये जा रहे निर्देश के अनुसार एक्सरसाइज कर सकते हैं। ऑनलाइन सेवा का एक और फायदा है कि अगर आप अपने शहर से बाहर भी हो तो आपकी दैनिक रुटीन में बाधा नहीं आएगी।

स्वस्थ रहे, सुखी रहे, खुश रहे और खूब व्यस्त रहे।

लेखक

विजय मारू
विजय मारू

लेखक नेवर से रिटायर्ड मिशन के प्रणेता है। इस ध्येय के बाबत वो इस वेबसाइट का भी संचालन करते है और उनके फेसबुक ग्रुप नेवर से रिटायर्ड फोरम के आज कोई सोलह सौ सदस्य बन चुके है।

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