वरिष्ठ जन – सीखते रहें, कुछ भी!

वरिष्ठ जन – सीखते रहें, कुछ भी! Seniors – Keep Learning, Anything, Anytime

बढ़ती उम्र में एक ही गुरु मंत्र है, हम सीखते रहें हर पल, कुछ भी, कभी भी।

जिस दिन हम सीखना बंद कर देंगे तो सच मानिए इसी दिन हमारी वृद्धावस्था शुरू हो जाती है। सीखने को तो हम कुछ भी सीख सकते हैं, बस मन में दृढ़ निश्चय कर लें कि हमें सीखते रहना है। बढ़ती उम्र में भी यह मन में न आए कि हमें तो सब कुछ आता है – आखिर इतने वर्षों में हमने जो ज्ञान अर्जित किया है, उससे अधिक और क्या आवश्यकता है?

हो सकता है हम आज एक नया शब्द ही सीख लें। जब हम एक नया शब्द सीखते हैं तो मन में यह विचार आता है कि अरे, हम 70–75 वर्ष के हो गए और यह शब्द पहली बार जान रहे हैं – इसका तो कितना उपयोग हो सकता है! यही अनुभव सीखने की ऊर्जा बढ़ाता है। इस उम्र में हम नयी भाषा भी सीख सकते है।

इसी तरह हम कोई नई डिश बनाने का भी प्रयास कर सकते हैं। रसोई में काम करना केवल घर की महिलाओं के लिए नहीं है। आज अगर बुजुर्ग पुरुष भी कुछ व्यंजन बनाने की विधि सीख लें तो परिवार वाले उन्हें एक नए नजरिए से देखेंगे, उनकी तारीफ करेंगे। यह बदलाव न सिर्फ घर में उत्साह लाता है बल्कि वरिष्ठ जनों के आत्मविश्वास को भी बढ़ाता है। ऐसे समय में जब बुजुर्ग घर में अकेले रहते है या उस समय जब जिवन साथी अस्वस्थ हो तो यह हुनर बहुत उपयोगी रहता है।

बढ़ी उम्र में भी आप अपने शौक की कुछ नई चिज सीख सकते हैं। कोई म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट – हारमोनियम, बांसुरी, तबला – या फिर नया गाना, चाहे भजन हो या फिल्मी गीत, सब शुरू किया जा सकता है। इससे मन लगा रहता है और साथ ही समय व्यतीत करने का इससे अच्छा साधन क्या हो सकता है? मैं एक बुजुर्ग महिला को जानता हूं जिन्होंने बांसुरी सीखने का बीड़ा उठाया। आजकल तो यह भी आवश्यक नहीं कि कोई टीचर रखा जाए। आप ऑनलाइन भी यह सब सीख सकते हैं, और अपने ही घर से एक नई यात्रा शुरू कर सकते हैं।

सभी के हाथ में आज स्मार्टफोन है, लेकिन क्या हम इसे पूरी क्षमता से उपयोग करते हैं? आज कई ऐसे ऐप हैं जो मनोरंजन करते हैं, ज्ञान बढ़ाते हैं और दैनिक जीवन को आसान बनाते हैं। कई वरिष्ठ जन छोटे-छोटे कामों के लिए भी बच्चों पर निर्भर हो जाते हैं—जैसे नया ऐप इंस्टॉल करना, कोई सेटिंग बदलना, या कांटेक्ट सेव करना। लेकिन यह सब सीखने में मुश्किल कुछ नहीं। बल्कि, जब ये छोटे कौशल भी सीख लिए जाते हैं तो एक अद्भुत आत्मविश्वास आता है कि यह हम खुद कर सकते हैं।

कुछ दिन पहले की ही एक घटना बताता हूं। मैं एक बुजुर्ग व्यक्ति के साथ बैठा था जो कि टेक्नोलॉजी-सेवी हैं, फिर भी जरूरी नहीं कि हर चीज की जानकारी हो। वे काफी मैसेजिंग करते हैं। मैंने उन्हें बताया कि अब व्हाट्सऐप पर मैसेज टाइप करने की जरूरत नहीं – आप बोलिए, वह खुद टाइप हो जाएगा। बस एक बार पढ़कर भेज दीजिए। उन्हें यह सुविधा पता नहीं थी। जब उन्होंने इसे आजमाया, उनके चेहरे पर खुशी और आत्मबल साफ दिख रहा था।

इसी तरह कई वरिष्ठ लोग कांटेक्ट लिस्ट में नया नाम सेव करने या नंबर ढूंढने में कठिनाई महसूस करते हैं। वे कॉल हिस्ट्री में पुराने कॉल देखकर ही बात कर लेते हैं। लेकिन जब ये छोटी-छोटी चीजें सीख ली जाती हैं तो व्यक्ति के भीतर यह भावना आती है – हम किसी पर निर्भर क्यों रहें? हम तो खुद कर सकते हैं।

याद रखिए, जब तक आपके भीतर कुछ नया सीखने की जिज्ञासा रहती है, आप युवा माने जाएंगे। जिस दिन सीखना बंद हो गया, उसी दिन से बुढ़ापा शुरू हो जाता है, एक प्रकार से। और यह भी सच है कि आपके दिमाग को भी गतिविधि चाहिए। जैसे शरीर के लिए व्यायाम जरूरी है, वैसे ही दिमाग के लिए नई-नई चीजें सीखना उसका व्यायाम है। यह मानसिक सक्रियता आपको स्वस्थ, प्रसन्न और सामाजिक रूप से जुड़ा रखती है।

एक बात और – बुढ़ापे की ओर बढ़ना भी एक परीक्षा की तरह है। और इस परीक्षा में आपका सबसे बड़ा सहयोगी सिर्फ आप खुद हैं—आपका मन, आपका उत्साह और आपकी सीखते रहने की इच्छा। उम्र बढ़े पर हमारी जिज्ञासा नहीं घटनी चाहिए। हमें यह मान कर चलना चाहिए कि हम आजीवन विद्यार्थी हैं। सक्रिय जीवन की कुंजी यहीं है कि हम हर दिन कुछ नया करे।

सीखने की गतिविधियां जीवन की संतुष्टि को बढ़ाएंगी और इससे अवसाद की दर कम होगी। यह सकारात्मक दृष्टिकोण बनाए रखने में मदद करती है, संतुष्टि प्रदान करती है और हमारे मन को सतर्क और सक्रिय रखती है। नई गतिविधियों में संलग्न होने से उपलब्धि और उद्देश्य की भावना मिलती है, जो सकारात्मक उम्र बढ़ने के लिए महत्वपूर्ण है।

सीखते रहिए, मुस्कुराते रहिए – क्योंकि नेवर से रिटायर्ड सिर्फ एक नारा नहीं, बल्कि जीवन जीने का तरीका है।

लेखक

विजय मारू
विजय मारू

लेखक नेवर से रिटायर्ड मिशन के प्रणेता है। इस ध्येय के बाबत वो इस वेबसाइट का भी संचालन करते है और उनके फेसबुक ग्रुप नेवर से रिटायर्ड फोरम के आज कई हज़ार सदस्य बन चुके है।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *