जितनी चाबी भरी राम ने उतना चले हम
अंधा कानून फिल्म में एक गीत था,रोते रोते हंसना सीखो,हंसते हंसते रोना,जितनी चाबी भरी राम नेउतना चले खिलौना। कवि ने कितनी गंभीर बात को इतनी सहजता से लिख दिया। हम नहीं जानते हैं कि हमें कब यमराज लेने आ जाएंगे। भगवान ने कितनी चाबी हम में भरी उसका सीक्रेट तो वो ही जानते हैं। हम […]
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